कर्म एक संस्कृत शब्द से लिया गया है। जिसका अंग्रेजी में अनुवाद ‘एक्शन’ होता है। कर्म की धारणा के बारे में कई लेख हैं, और यह हमारे और हमारे आसपास के लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती है। ये तो आपको अच्छे से पता है। बहुत लोगों ने कर्म के अर्थ को अपनाया है जो पूर्वी दर्शन में गहराई से अंतर्निहित (चुप रहने वाले) है, अन्य लोग इसे अच्छे और बुरे के पश्चिमी अर्थों में समझते हैं। लेकिन वास्तव में कर्म का नियम क्या है? और यह सुनिश्चित करने के लिए आपको क्या करने की आवश्यकता है कि आप बुरे कर्म को आकर्षित न करें।
यह सीखना कि ये नियम कैसे काम करते हैं। यह आपको किस तरह जीने में मदद कर सकते हैं। जिससे अच्छे कर्म बनते हैं। आप अधिक सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने में सक्षम होंगे और बुरे कर्मों से भी छुटकारा पा सकेंगे। इस लेख में मैं कर्म दर्शन और इसे नियंत्रित करने वाले 10 नियमों के बारे में बात करेंगे।
कर्म के 10 नियम क्या है?
जैसे आपको बता दु की, कर्म के 10 सिद्धांत आपको यह समझने में मदद करती हैं कि, यह कैसे काम करती है और आप अपने लिए सकारात्मक कर्म कैसे प्रकट कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये कानून।
Table of Contents
1.महान कानून (The Great Law) :
•इस नियम का मतलब है की ’जैसा बोओगे वैसा काटोगे’। जैसा भी हम करेगें उसका ‘रिएक्शन’ और ‘रिजल्ट्स’ आपकी किए हुए ‘एक्ट’ के हिसाब से ही मिलेगा। और ज़िंदगी किसी ‘पार्टीकुलर स्टेज’ पर आपको एहसास भी होगा की ये वही मोमेंट है। जब आपने कुछ गलत किया था। आप उसका रिएक्शन झेल रहे है। अगर आप खुशी, शांति, मित्रता चाहते है तो आपको ये सब देना पढ़ेगा तभी जाकर आप इनके लिए लायक हो सकते है।
•ये ‘The Law of Attraction’ के similar है। वहा भी आप जैसा सोचते है वैसा बन जाते है या मिल जाता है। तो पहली चीज आप मेहरबान बनिए मदत करने के लिए तैयार रहिए। तो पूरा universe आपकी मदत के लिए आगे आ आयेगा।
2.निर्माण का नियम (The Law of Creation) :
ये एक बहुत महत्वपूर्ण नियम है। जिसमे आपकी importance को बताया गया है। ये universe ऐसे ही काम नहीं करता है। इसके लिए आपकी presence और creativity भी उतनी ही ज़रूरी है। अगर आप कुछ बनना चाहते है तो आपको एक्शन लेना पढ़ेगा। कोई भी चीज आपको बीना काम किए नहीं मिल सकती है। जो भी आपके अंदर है वही बाहर है। तो आप इसको universe के साथ भी correlate कीजिए। मतलब आप जो भी परिवर्तन देखना चाहते है वही create कीजिए। Creation ही इस नियम का मूल अंत है।
3.नम्रता का नियम (The Law of Humility) :
इसे विनम्रता का नियम भी कहते है। जिसमे ये बताया गया हैं की अगर आपकों कुछ चीज अच्छी नहीं लगती तो उसे आप बदल नहीं सकते है। आप बदल सकते हैं तो बस इच्छाओ को या उन परिस्थितियों को जिनमें वो particular चीज अच्छी लगनी लगे। आप चीजों को accept कीजिए। क्योंकि आप universe को बदल नहीं सकते हैं। जो भी है उसे स्वीकार कीजिए। क्योंकि humans की ही capability हैं की वो अपनी इच्छाओं को Manipulate कर सकते है। जिसकी वजह से आप अपने को essential को justify कर सकते है।
4. विकास की कमी (The Law of Growth) :
•ये नियम मूल रूप से ‘self realisation’ पे आधारित है। जिसमे ये बताया गया है की, आत्म-परिवर्तन की जरूरत क्यों है। और आत्म-परिवर्तन से आपको क्या क्या लाभ होते है। मूल रूप से ये नियम नम्रता के नियम से जुड़ा हुआ है की खुद को ईमानदारी से पहचाने।
•अगर आप कुछ बदलना चाहते है या कुछ परिवर्तन इस universe में देखना चाहते है तो सबसे पहले उस परिवर्तन को अपने आप में कीजिए क्योंकि आप में ही वो capabilities है, जिनसे आप खुद का development कर सकते है। जबकि universe आपका ही एक mirror image हैं। जो भी परिवर्तन देखना चाहते है वो अपने आप में ही शुरु कीजिए।
5. जिम्मेदारी की कमी (The Law of responsibility ) :
इस नियम के माध्यम से ये बताया गया है की आपकी जिम्मेदारी universe की प्रति कितनी है। और इसमें कर्ता यानी की आप एक बहुत बड़ा किरदार निभाते है। “whatever is happening in universe you should take responsibility for the same” जो भी आप करते है या जो भी आपके अंदर हो रहा है वो एक आपकी ही सोच का नतीजा है। तो उसके लिए आप किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। इसलिए जो भी गलत हो रहा है उसकी आप responsibility लीजिए। और उसको सही कीजिए।
6.कनेक्शन का कानून (The Law of Connection):
ये नियम बताता है की सब अपने आप में ही आपस में जुड़े है। जो भी आप आज करते है आपको नहीं पता है की आगे उसके कितने फायदे या नुक्सान हो सकते है। और जो आपने past में सिखा या किया है। उसे आपका आज बनता है और आज से कल। तो किसी भी छोटे या बड़े काम को सीखने से झिझकना नहीं चाहिए ना जानें कब उसकी जरूरत पड़ जाए।
7. फोकस का नियम (The Law of Focus) :
•इस नियम के मुताबिक आपको किसी भी एक टास्क में एक वक्त ही focus करना चाहिए। या ये बोल सकते है की multi-tasking से work की authenticity और integrity पे प्रभाव पढ़ता है। जिसकी वजह से वर्क या टास्क करने के बाद satisfaction नहीं मिलता है।
•अगर आपके पास बहुत सारे goals हैं तो उनमें से बहुत जरुरी goals को list down कर लीजिए। फिर decide कीजिए की आपको ये goals कितने दिन में पुरा करना है। उसके बाद ही दुसरे goals लीजिए।
8. देने और आतिथ्य का कानून (The Law of Giving And Hospitality) :
•ये नियम वर्णन करता हैं की जो भी आप विश्वास करते हो की आप कर सकते है, उसे आपको करना चाहिए। आपके action से आपका belief-system के importance का पता चाहता है। इस नियम का एक और मतलब है की universe आपको opportunities provide कराता है।
•जब आपके belief-system को examining किया जाता है जिससे की आप उस lesson को learn करके उन्हें अपने act में भी दिखा सके।
9. यहाँ और अभी का कानून (The Law of Here And Now) :
ये नियम मूल रूप से लोगों के लिए याद दिलाना हैं की जो है वो आज ही हैं। कल निकल चुका है और भविष्य आने वाला है तो मूल रूप से आपके control में आज का ही moment हैं। उसे ही आप बदल सकते है। और आपका आज का act ही कल को तय करेगा की कल कैसा होगा। आज का importance बहुत ज्यादा है। कुछ करना है तो आज में कीजिए।
10. परिवर्तन का नियम (The Law of Change) :
ये नियम बहुत philosophical सा Law हैं। जब तक आप बदलते नहीं हो तब तक आप भविष्य को बदल नहीं सकते है। क्योंकि आपने नया कुछ किया ही नहीं तब इतिहास अपने आपकों दोहराती है। और फ़िर आपको एक और मौका दिया जाता है की, एक नया भविष्य बनाया जाए नहीं तो आप एक रुप में ही घूमते रहोगे और वो सही नहीं है। Universe की इच्छा है की परिवर्तन होना जरुरी है।
कर्म हमें सिखाती हैं कि हम जो कुछ भी करते हैं वह हमें प्रभावित करता है या हमें और हमारे आसपास की दुनिया को बदल देता है। आप आध्यात्मिक विश्वास रख सकते हैं और आप नहीं कर सकते। लेकिन कर्म के नियम को समझने से हमें क्रियाओं और परिणामों के बीच के संबंध को देखने में मदद मिलती है।
तो कर्म बहुत मायने रखते है जिंदगी में, चाहे आप कही पे भी हो कर्म हमेशा आपके साथ रहता है। तो इसलिए अच्छे कर्म करो और एक अच्छा भविष्य बनाओ। आशा करती हु की मैंने अच्छे से ये कर्म के नियमों को बताया होगा।