अब बस अपने जीवन के आखिरी मिनट को रिवाइंड करें और सोचें जब मैंने ये सवाल पुछा किसी ने ये सोचा की आज कुछ नया सीखने को मिलेगा, मजा आयेगा! कोई भी? नहीं! सब रेस में लग गए। ऐसे पढ़ के फर्स्ट आ भी गए तो क्या फायदा, क्या इसे आपकी knowledge पढ़ेगी नहीं, सिर्फ़ pressure पढ़ेगा। अरे चाबुक के डर से तो शर्कस का शेर भी उछल के कुर्सी पे बैठना सीख जाता है। लेकिन ऐसे शेर को well trained कहते है, well educated नहीं। तो आज इस लेख में मैं आपको बताऊंगी नई शिक्षा नीति के बारे में जो आपको जानना बहुत जरूरी है।
आपको बता दु की 1968 में आई थी। इंडिया की पहली ‘Education Policy’ इंद्ररा गांधी की government में और 1986 में आई थी इंडिया की दूसरी ‘Education Policy’ राजीव गांधी government में जैसे 1992 में। पीवी नरसिंह राव की government ने modify किया था। और अब 34 साल बाद आई है इंडिया की ‘New Education Policy’ और मैं इसके बारे में बहुत खुश हूँ क्योंकि on paper policy ये policy एक दम perfect है। तो आज मैं india की new policy के बारे में बताऊंगी।
देखिए इंडिया में Education की perspective में Last around breaking चीज जो हुई थी। वो थी ‘Right to education’ constitution में insert किया गाया था। Article ‘21A’ जिसे 6-14 साल’ के बच्चो को Free and Compulsory education provide की गई थी। 6 से 14 साल के बच्चे, ये age group याद रखिएगा क्योंकि ‘National education policy’ के लिए ये age group important हैं। और इंडिया में कौन सा topic कितना important है, ये हमें Election Manifesto से पता चलता है। जैसे Reservation, कोटा , एफडीआई(FDI), इन सारी चीजों की बाते manifesto में की जाती है।
पर Education की बाते नहीं क्योंकि vote bank politics के लिए education इतना भारी topic नहीं है। पर ये जो ‘New Education policy 2022′ आइ है। इसके पिछे कोई share sudden move नहीं है। चलिए चलते है 2014 में , 2014 में बीजेपी (BJP) election manifesto में थी। ये new education policy और 2015 में जब स्मृति ईरानी (HRD ministry) थी। तब एक committee बनाई गई थी। जिसके चेयरमैन थे ( TSR सुभ्रमणियन)। इस committee ने अपनी report submit की 7 मई को 2016 में, इस committee का main objective था।
समिति का उद्देश्य (Objective of the committee):
•शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए (To improve the quality of the education)
•शिक्षा की विश्वसनीयता (Credibility of Education)
•Application में जो भी खाली है उसे संबोधित करना (Addressing the gaps in implementation)
October 2016 में ministry ने इस draft policy को release करके इसपे suggestion मंगाए। पर इन recommendation का कुछ हो ना सका।
इसके बाद (Dr.K.कस्तूरीरंगन) चेयरमैनशिप ने एक और committee बनाई गई। जिसमे 9 members थे। इस committee में 2019 में National education policy का draft बनाया। जो finally pass हुई As ‘The New Education Policy 2020′ तो अगर ये पूरे education policy की तीन सबसे important changes हुई।
नए NEP 2020 में तीन सबसे महत्वपूर्ण बदलाव (Three Most important changes in the new NEP 2020) :
1• HRD ministry का नाम change करके ministry of education कर दिया गया है।
2• Government ने ये purpose किया है कि, education की अपना GDP investment 1.6% percentage से increase करके at least 6% करेंगे।
3• Gross enrollment ratio पे focus किया गया है। और ये कहा गया है की, 2035 तक इसे 50% तक increase करेंगे।
देखिए ये नंबर तभी achievable है, जब essenting Approach में एक dynamic change introduce किया जाए। तो एक holistic approach से इस policy को बनाया गया हैं। जिसमे academic, vocational और extra calikurum activities को equal footing दी गई है। पुरा focus ये किया गया है की, बच्चो को जिस area में interest हैं, उस area में वो अपना skill develop कर सके। और स्कूल, कॉलेज से निकलते साथ वो real World के लिए तैयार रहें। तो चलिए जल्दी से इस New Education Policy को analysis करते है।
स्कूली शिक्षा में बदलाव ?
(changes in school education) :
•तो पहली slide में हम ये जानेंगे की स्कूल education के pattern में क्या changes किए गए है। सबसे important change हैं की 10+2 में जो हमारा essenting structure हैं। उसे 5+3+3+4 की structure में breakdown करना। तो ये जो नया pattern है ये correspond करता है। 3 से 8 साल को, 8 से 11 साल को, 11 से 14 साल को और 14 से 18 को।
•देखिए इस move से pre-school वाला जो लाइन है, इसे भी formal education माना जायेगा। ऐसा करने से तीन से छह साल के बच्चे भी school calikurum में शामिल होंगे। जैसा की globally किया जाता है। क्योंकि इस group के बच्चे mentally faculty का development बहुत ही important होता है।
•इसके बाद 6 standard से बच्चो को coding सिखाई जायेगी। ये practice china में बहुत ही time से की जा रहीं थी। और आप उनके development level को देख ही सकते है।
•इसके साथ ही 6 standard तक mother tough सीखने का option available रहेगा। Early face of education में local language adopt करने के लिए Europe का example दिया गया है। जहां mother tongue के वजह से बच्चो को चीज़े समझने में एक advantage मिलता है। और बहुत अच्छी बात ये है की 360°holistic progress card बनाई जायेगी। जिसमे बच्चो के practical+Academic +co- curricular सबको equal footing दी जायेगी (असंभव किन्तु सत्य)।
उच्च शिक्षा में बदलाव? (Changes in Higher Education) :
•अब ये देखते है की higher secondary education में क्या changes किए गए है। तो इस area में education policy ने multidisciplinary approach अपनाई है।
•Holistic undergraduate programme होंगे जिसमे :
a.Flexible curriculum होगा।
b.Vocational subject होंगे।
c.Inter- disciplinary combination of subject भी allowed होंगे।
•इसका मतलब ये कि science, commerce, humanity stream का जो strict division हुआ करता था, वो अब नहीं होंगे। Higher education में students खुद अपने combination of subject बना पाएंगे।
Language changes :
•Language में क्या changes लाएं गए है की sanskrit को हर level of education में offer किया जायेगा।
•Other classical language और literature को भी as option available रखेंगे। और उन students के लिए जो थोड़े creative type के होते है, कुछ out of the box करना चाहते है। उनके लिए लाया गया है। ( Academic Bank Of Credits) जिसे use करके बच्चे एक साल का sabbatical ले पाएंगे। और वापस आने पर जहा से छोड़ा था, वहीं से फिर से अपना course continue कर सकेंगे।
•Undergraduate और postgraduate programs को flexible बनाया गया है। Multiple exit और entry option के साथ और इसी के साथ MPhil को discontinue कर दिया गया है।
•Multiple disciplinary education को बढ़ावा देने के लिए IITs और IIMs level पर Multidisciplinary Education और Research University में बनाए जायेंगे।
•Higher education में Research culture को foster के लिए The National Research Foundation को As epic body setup करेंगे।
इसी के साथ ही higher education commission of India (HECI) इसे higher education के लिए एक dedicated और soul body जैसे setup किया जायेगा।
•बस esme medical और legal education को excluded किया गया।
शिक्षक के लिए परिवर्तन ? (Changes for teacher) :
•तो इतनी सारी बदलाव के चलते teacher education के framework में भी changes required थे। तो NCERT से concert करके एक new और conferesive से National curriculum framework for teacher education, NCFTE 2021 बनाई जायेगी।
•2030 तक टीचिंग के लिए minimum degree qualification रहेगी, चार साल integrated B.Ed की, लेकिन national education policy का पुरा objective है। education के standards को increase करना। Global standards of education archive करना। जिसे हर बच्चे के पास स्कूल से निकलते समय कुछ strong practical skills available हो, board exam के structure में changes लाए जायेंगे।
•जिन students के core को application skills को कितना knowledge attain किया गया है, इसे टेस्ट करेगें। इसके साथ ही government private education में जितनी गैप्स हैं, उन्हें कम किया जायेगा।
तो ये थीं हमारी new education policy 2022 और मैं बहुत खुश हु इस policy से, आपको भी ये policy अच्छी लगी हो आशा करती हु। और साथ ही आप अपने new education policy 2022 को अच्छे से देखे।