आत्मविश्वास सफलता को पाने के लिए….
सफलता को पाने के लिए जितना जरूरी मेहनत और लगन है उतना ही आत्मविश्वास भी है। आपमें आत्मविश्वास नहीं होगा तो आप किस तरह से आगे बढ़ पाएंगे।
जब आप अपनी मंजिल के लिए कड़ी मेहनत कर रहे होते हो और यह भी नहीं जानते कि और कितना समय लगेगा उस मुकाम को हासिल करने में। तब भी आप उसी लगन और विश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं और अपने ऊपर विश्वास रखते हैं कि एक न एक दिन आपको आपकी मंजिल में कामयाबी जरूर मिलेगी, यही है आत्मविश्वास। अपने ऊपर विश्वास रखना कि जो आप कर रहे हैं अच्छा कर रहे हैं। आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हो या आईएएस, आईपीएस, आर्मी सेना भर्ती, नेवी, एनडीए या किसी और करियर ऑप्शन को चुना है मायने यह रखता है क्या आप कितने समय तक उस पर टिके रहते हैं।
अपने ऊपर विश्वास रखना, एक कला है आप तभी अपने ऊपर विश्वास रख सकते हैं जब आप सच्चे हो और आप जिस काम को कर रहे हो उसे अपनी जी-जान से चाहते हो। विश्वास और आत्मविश्वास में इतना ही फर्क है:
“विश्वास तब करते हैं जब किसी दूसरे पर आपको भरोसा हो और आत्मविश्वास तब होता है जब आपको अपने ऊपर किसी दूसरे से ज्यादा भरोसा हो”
जब आप अपनी मंजिल को पा लेंगे तब आपको यकीन होगा कि आपके लिए यह आत्मविश्वास कितना जरूरी था और है और इसका कितना ज्यादा महत्व है। किसी मंजिल को पाने के लिए, जब आप किसी चीज में, किसी विषय में या किसी परीक्षा में बार-बार फेल होते हैं फिर भी आपको सफलता नहीं मिलती, मगर फिर भी आपको यकीन होता है कि अब नहीं तो अगली बार आप जरूर इसे पार कर लोगे। तब आत्मविश्वास ही है जो आपको आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। जब आप किसी एक काम में लगे हुए हैं, 6 महीने, 1 साल, 3 साल। और फिर भी आपको पीछे हटने का मन ना करें और आपके अंदर चिंगारी होगी, कि आप उस मंजिल को जरूर पाएंगे।
आत्मविश्वास की ज्यादा जरूरत पड़ती है जहां आप अपनी मंजिल से डगमगाने लगे। तब एक तरफ से आपका मन आपसे कहता है पीछे हटने को, परन्तु दूसरी तरफ से आपका मन आपसे पूछता है कि आपने इतने समय लगाकर जो यह मेहनत की, क्या उसे इसी तरह जाया कर दोगे? इस मेहनत का कोई फल नहीं होगा? या फिर एक बार फिर से कोशिश करके देखी जाए। यह आत्मविश्वास ही है जो आपको फिर से उठने का मौका और प्रेरणा देता है। आत्मविश्वास जिसे हम कॉन्फिडेंस कहते हैं इतनी आसानी से नहीं मिलता। उसके लिए पहले आपको अपनी मंजिल के लिए काम करना होगा, तब आपको महसूस होने लगेगा इस काम को करने के लिए आपको अपने अंदर से कोई ना कोई आगे धकेल रहा होगा। आपको प्रेरित कर रहा होगा। समझ जाना यह आत्मविश्वास ही है। इसे कभी कम मत खोने देना, इसकी बहुत जरूरत पड़ेगी।
अभी तो आपने शुरू ही किया है। “मंजिल को पाने का सफर” इसे इतना छोटा मत समझिए, इतना बड़ा भी मत समझिए। बस लगातार इसके लिए आगे बढ़ते जाइए, आपकी मंजिल के लिए आपके लिए आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है जितना आपके शरीर में खून। खून आपके शरीर में जरा सा भी कम हो गया तो तभी काम बिगड़ जाएगा। तो आत्मविश्वास कम हो गया तो किस तरह आगे बढ़ पाओगे। आगे बढ़ने के लिए सिर्फ आत्मविश्वास की ही जरुरत नहीं होती पर आत्मविश्वास के बिना भी आगे नहीं बड़ा सकता। अपने स्वप्ना को हकीकत पर बदलने के लिए उस पर बिश्वास रखना की ऐसा भी आप एक दिन जरूर करेंगे, आत्मविश्वास यही तो है।
आत्मविश्वास होना अच्छी बात है, बहुत अच्छी बात है। पर हद से ज्यादा आत्मविश्वास कर लेना अपने ऊपर, ऐसी चीजों के लिए विश्वास बना लेना जिसका वास्तविकता से कोई नाता ही ना हो और इस तरह से अपने ऊपर आँख बंद करके विश्वास कर, लेना यह खराब है यह आपको फिर से विफल करवाएगा।
आत्मविश्वास को कई बार हल्के में लिया जाता है क्योंकि इसका महत्व कभी-कभार हमें दिखाई नहीं देता है। अगर आप सच्चे हैं और अपनी मंजिल को पाने के लिए उतने ही लगन के साथ काम कर रहे हैं तो आत्मविश्वास अपने आप पनप जाता है। यह आपको धीरे-धीरे महसूस होगा, जब आप अपने आप को पीछे हटने से रोक रहे होंगे, आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन कर रहे होंगे या फिर किसी ऐसी बात के लिए, जो आपने अभी तक नहीं की है पर वह आपके लिए और आपके कैरियर के लिए जरूरी है। तो ऐसे में आत्मविश्वास काम आता है
अपने पर विश्वास रखिएगा कि आप जो भी करेंगे सही करें। अपने ऊपर विश्वास रखिएगा कि आप जो भी कर रहे हैं वह सही कर रहे हैं। बस इसे लगातार रखिए (कंटिन्यू रखिए) धन्यवाद🙏🏻