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बच्चों और बचपन से हम क्या सीख सकते है?
आज हम बात करेंगे बच्चों से हम क्या सीख सकते हैं। बच्चे मन के सच्चे। वह कोई भी बात सोचकर नहीं करते जिस तरह से हम जो भी कुछ बोलना चाहते है उसे दिमाग में पहले सोचते हैं लेकिन बच्चों में ऐसा नहीं होता उनकी जुबान पर जो आता है वह बोल देते हैं। हम बात कर रहे हैं 5 साल से छोटे बच्चों की।
बच्चों में कुछ चीजें हमसे ज्यादा होती हैं और कुछ कम भी होती है। बात करते हैं ऐसी कौन सी चीज है जो हम बच्चों से सीख सकते हैं:
चिंता न करना
हम बच्चों से सीख सकते हैं की चिंता ना करें। बच्चे ना तो अपने भविष्य के बारे में ज्यादा सोचते हैं और ना ही जो बीत चुका है उसके बारे में। इसलिए उनके दिमाग में कोई चिंता ही नहीं होती। हम चिंता तभी करते हैं जब हम किसी बात को जो हो चुकी है या होने वाली है उसके बारे में सोचते रहते हैं।
चिंता करना गलत बात नहीं है लेकिन बहुत ज्यादा चिंता करना लेकर वह गलत है।
हमेशा खुश रहना
आप बच्चों को देखेंगे तो वह ज्यादातर समय खुश ही होते हैं। उनकी हंसी इतनी प्यारी होती है कि उसके सामने बाकी सब कुछ फीका लगने लगता है। बच्चों से सीख सकते हैं कि हमेशा खुश रहिए। इसका एक कारण यह भी है कि वह चिंता कम करते हैं इसलिए वह खुश रहते हैं।
किसी काम में ध्यान लगाना
हम बच्चों से फोकस करना सीख सकते हैं। बच्चों को अगर कोई ऐसी चीज मिल गई जो पसंद आ गई चाहे वह कोई खेल हो गई या फिर कोई और काम जिनमें उनका मन लग गया तो वह उसे लगातार घंटों तक कर सकते हैं। आप याद करिए जब आप छोटे थे तो ऐसा कोई खेल जो आप खेलते थे और घंटो बीत जाते थे उसे खेलते रहते थे।
दयालुता
हर कोई बच्चा दयालु होता है। बच्चा, हम कह सकते हैं अच्छा या बुरा हो तब बनता है, जब उसकी कंडीशनिंग वैसी होती है। नहीं तो बचपन में बच्चा कोई भी बच्चा दयालु, बहुत ही प्यारे दिलवाला, और बिना स्वार्थ के दूसरों के बारे में सोचता है। बच्चों से यह भी सीख सकते हैं।
हमेशा सीखते रहना
बच्चों में यह बहुत ही बड़ी खूबी होती है। क्योंकि बचपन एक ऐसा समय है जहां पर बच्चा हर समय सीखता ही रहता है। नई-नई चीजें, नए खेल, कैसे किसी काम को पूरा किया जाता है, दुनिया के बारे में, इसमें क्या क्या है, इन सभी को बहुत ही बारीकी से उनका अध्ययन करता है। observe करता है। हर दिन कुछ नया सीखता है और सीखने में लगा ही रखता है। यह बहुत बड़ी खूबी है क्योंकि एक उम्र के बाद हम सीखना कम कर देते हैं अगर हम हर समय सीखते रहेंगे तो हमारा दिमाग उतनी ही तेजी से आगे बढ़गा।
कोई भेदभाव नहीं
हमारे जो दुनिया है इसमें लोगों ने अपने आप को कहीं लेबल्स में बांट दिया है। लेकिन बच्चों में ऐसा नहीं है वो कोई भेदभाव नहीं करते चाहे कोई भी हो, गरीब हो, अमीर हो, या कोई दूसरी जाति का हो, या कोई और हो, वह कभी ऐसा भेदभाव नहीं करते। यह तो बाद में कंडीशनिंग ऐसी होती है की भेदभाव के बारे में उनके दिमाग में डाल दिया जाता है।
कोई धोखाधड़ी नहीं
बच्चे जो है वो नहीं जानते कि धोखाधड़ी क्या होती है। और वह करते भी नहीं है। हम बात कर रहे हैं 5 साल तक के बच्चों की तो तब तक बच्चे के मन में सिर्फ दयालुता होती है कोई धोखा करने का मकसद नहीं होता।
मीठी वाणी
हम हमेशा सुनते आए हैं की मीठी वाणी बोलिए। यह हम बच्चों से अच्छे से सीख सकते हैं। बच्चों के हर एक लफ्ज़ में एक मिठास होती है। वह हमें बहुत कुछ सिखा सकते हैं कि हमें अपनी जीभ पर किस तरह से नियंत्रण रखना चाहिए और हम किस तरह से बाकियों के साथ मीठी भाषा में बात कर सकते हैं।
हमेशा energetic रहना
उर्जा बच्चों में इतनी ज्यादा होती है जितनी बड़ों में भी नहीं होती और नहीं। बच्चे पूरा दिन खेलते रहते हैं कूदते रहते हैं अलग-अलग काम में व्यस्त रहते हैं फिर भी थकते नहीं है।
अलग नजरिया और सवाल पूछना
बच्चों से सीख यह भी है की बच्चे हर चीज को, हर काम को एक अलग नजरिए से देखते हैं। और हर काम और चीज में सवाल करना यह काफी अलग बनाता है। कई बार कोई समस्या बड़ों से हल नहीं हो रही होती है लेकिन बच्चे हल कर देते हैं। क्योंकि वह अलग नजरिए से उसे देखते हैं और सवाल करते है अपने आप से या दूसरो से।
कुछ और भी चीजें हो सकती हैं जिन्हें हम बच्चों से सीख सकते हैं लेकिन मुख्य बातें यही है। अगर हम किसी से भी पूछे कि आपको अपना बचपन अच्छा लगता था या अभी का समय। तो जवाब बचपन ही होगा क्योंकि उसका कारण जो ऊपर बताए यही है। हमारे जिंदगी के बचपन के चरण को छोड़कर बाकी चरणों में यह गायब होता है। अगर हम अभी के समय में भी इन सभी को अपना लेते हैं तो हमारी जिंदगी काफी खुशहाल, अच्छी हो जाएगी।
धन्यवाद