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इंडियन आर्मी के लिए दौड़ लगाने में मन नही लगता तो क्या करें?

और उसका कारण क्या है –

कैसे है आप सब? आज हम बात करने वाले हैं कि आप दौड़ लगाते हैं या लगाना चाहते हैं सेना में भर्ती होने के लिए दौड़ लगाने में मन नहीं लगता तो क्या करें? यहा पर बात आपके शारीरिक क्षमता की नही है यहाँ पर बात मानसिक क्षमता की है। इस आर्टिकल के जरिये हम आपको बतायेंगे की अगर इंडियन आर्मी के लिए दौड़ (Indian Army running) लगाने में मन नही लगता तो क्या करें?


आपके मन में बहुत से सवाल हो सकते हैं जैसे कि-


इंडियन आर्मी के लिए दौड़ लगाने में मन नही लगता तो क्या करें?
दौड़ लगाने में मन नहीं लगता तो क्या करें?
दौड़ तो लगाता हूं लेकिन मजा नहीं आता इसलिए छोड़ दूं?
या फिर समझ नहीं आ रहा दौड़ लगाऊं क्या नहीं?

तो चलिए इन्हीं सवालों के जवाब आपको देते हैं अगर आप भारतीय सेना में जाना चाहते हैं तो शारीरिक फिटनेस होना बहुत जरूरी है। और उसमें रनिंग बहुत ही महत्वपूर्ण है। जब भर्ती होते हैं तो उसमें रनिंग की क्वालिफिकेशन भी मांगी गई होती है, आपको एक निर्धारित समय में निर्धारित दूरी पूरी करनी होती है। दौड़ लगाना इन सभी के लिए जरूरी है। लेकिन कई बार हमारे मन उससे दूर भागने लगता है क्योंकि इसमें शारीरिक बल और साथ में मानसिक दृढ़ता भी चाहिए होती है।
हमने आपको नीचे बताया हुआ है कि कौन कौन से कारण है जिसकी वजह से आपका दौड़ लगाने में मन नहीं लगता है और उनको किस तरह से सॉल्व किया जा सकता है…

लक्ष्य ढूंढे


क्योंकि हर बार ऐसा नहीं होता कि आप फौजी बनने के लिए दौड़ लगा रहे हो तो अपना लक्ष्य ढूंढे कि आप दौड़ लगा क्यों रहे हो? क्या आप शारीरिक फिटनेस चाहते हो? या फिर किसी ऐसे करियर की तैयारी कर रहे हो जिसमें दौड़ जरूरी है या फिर कोई और करियर।

अपने आप को चैलेंज दें


दौड़ या फिर कोई भी काम तभी हमें इंटरेस्टिंग लगता है जब उसमें कुछ चैलेंज हो या फिर उसके पीछे कोई लक्ष्य छिपा हो। Purpose तो आपने ढूंढ लिया की इंडियन आर्मी के लिए दौड़ लगानी है, अब आपको चैलेंज ढूंढना पड़ेगा।
इसके लिए या तो आप अपने साथ घड़ी ले जा सकते हैं और उसमें टाइम नोट कर सकते हैं कि आपको इस निर्धारित समय के अंदर अंदर इतनी दूरी तय करनी है या फिर आपके साथ कोई और भी दौड़ लगाते हैं तो यह भी चैलेंज हो सकता है कि आप उनके साथ दौड़ में। रोज मुकाबला कर सकते हैं।

बातों पर कम और काम पर ज्यादा ध्यान दें


कई होते हैं जो बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन उतना दौड़ नहीं लगा पाते या उतना काम नहीं कर पाते। कुछ कहते हैं कि मैं इतने समय में इतनी दौड़ लगाने में सक्षम हो जाऊंगा लेकिन जब नहीं कर पाते तो निराश हो जाते हैं। इसलिए दूसरों से बातें बड़ी-बड़ी मत करिए, बातें करिए पर अपने अंदर करिए। दूसरों को मत बताइए और साथ में उन पर अमल करिए। इतनी मेहनत करिए कि आपने जो कहा है उसको आप पा सके।

दोस्त बदलें


अगर आपके दोस्त ऐसे हैं जो कि खुद दौड़ नहीं लगाते या उनका भी मन नहीं करता सेना के लिए दौड़ लगाने में तो उन्हें बदल दीजिए। मतलब उनके साथ बातें कम करिए और उनको दोस्त बनाइए जो की दौड़ लगाते हैं क्योंकि वो साथ में आपको भी मोटिवेट करेंगे। आप दौड़ लगाने के लिए उन्हें भी ढूंढ सकते हैं, उन्हें भी अपना दोस्त बना सकते हैं जिनका कि करियर और आपका कैरियर एक ही है।

टाइम मैनेज करें


दिन की रूटीन बनाएं। आप कब से कब दौड़ लगाएंगे? और बाकी काम कब से कब करेंगे? क्योंकि अगर आप दिनचर्या तय नहीं करेंगे दौड़ के लिए तो आपका जो समय बच रहा है या फिर जो आप दौड़ के लिए निकाल सकते थे वह आपका किसी और काम में या फालतू कामों में चला जाएगा। इसलिए निर्धारित करें कि किस समय में आप हर रोज दौड़ लगाने वाले हैं।

लोग क्या कहेंगे इस पर ध्यान ना दें


कई बार लोग क्या कहते हैं इस पर हमारे ऊपर असर पड़ता है लेकिन आप को उसके ऊपर ध्यान नहीं देना है क्योंकि अगर आप अपने करियर को प्राप्त नहीं कर सके तो वही लोग आपको आपका पेट भरने नहीं आएंगे। आपको हर महीने तनख्वाह नहीं देंगे। इसलिए आपको जो सही लगता है और जो असल में सही है वही करें। और लोगों पर और उनकी बातों पर कम से कम ध्यान दें। सिर्फ उन्हीं लोगों पर ध्यान दें, जो कि आप को और बेहतर करने में मदद कर रहा हो।

यह हमने कुछ पॉइंट बताएं हैं जिसके जरिए आपकी मदद हो सके। हमें मानसिक रूप से भी कई बार सलाह की जरूरत पड़ती है कि हम जो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जा रहे हैं या करना चाहते हैं उसमें सही से आगे बढ़ सकें।
आप कर सकते हैं और करेंगे। अपने आप पर भरोसा रखें और कंसिस्टेंसी बनाए रखें। कभी कंसिस्टेंसी तोड़े नहीं हर रोज दौड़ लगाएं क्योंकि जिस दिन आपने अपनी दौड़ लगाना दो-तीन दिन के लिए बंद कर दी तो समझ लीजिए दौड़ लगाना बंद हो गई है पूरी तरह से, पूरी जिंदगी से।

धन्यवाद

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